बिहार विधान परिषद् के सभापति ने अपने पद से दिया इस्तीफा

बिहार विधान परिषद् के सभापति ने अपने पद से दिया इस्तीफा

पटना।शुक्रवर को बिहार विधान परिषद् सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने बिहार विधान परषिद् के सदस्‍यता से त्‍याग पत्र दे दिया है। वे 25 अगस्त 2022 को बिहार विधान परिषद् के सभापति चुने गये थे।इससे पूर्व तिरहुत स्‍नातक निर्वाचन क्षेत्र से सन् 2002 में निर्दलीय एवं 2008 में जनता दल यू से बिहार विधान परिषद् के सदस्‍य के रूप में निर्वाचित हुए।साथ ही 2008 में बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री रहे।इनके अलावा2014 में तिरहुत स्‍नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सदस्‍य के रूप में और 2020 में जनता दल (यू.) से तिरहुत स्‍नातक क्षेत्र से बिहार विधान परिषद् के सदस्‍य निर्वाचित हुए।

भाजपा केंद्र में रहे या राज्य में पेपर लीक होना तय :तेजस्वी

भाजपा केंद्र में रहे या राज्य में पेपर लीक होना तय :तेजस्वी

पटना।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीट पेपर लीक बहुत ही गंभीर विषय है।उन्होंने माना जाता हिरासत में अपराधी कबूल रहा है कि पेपर लीक किया गया है।साथ ही अभ्यर्थी,अभिभावक,विद्यार्थी, युवा सभी चिंतित हैं।उनका कहना है कि पूरी व्यवस्था सशंकित है लेकिन एनडीए सरकार नख से शिख तक अहंकार में इतनी डूबी है कि देश में परीक्षाओं की विश्वसनीयता की सरासर अनदेखी करते हुए पेपर लीक के सबूत सार्वजनिक होने,जाँच-गिरफ्तारी और साजिशकर्ताओं द्वारा जुर्म कबूलने के बाद भी यह मानने को तैयार ही नहीं हैं कि नीट परीक्षा में कुछ धांधली भी हुई है।
उनका मानना है किसब सबूत सामने है लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री इतने अनभिज्ञ है कि मानने को तैयार ही नहीं हैं कि कुछ गड़बड़ हुआ भी है। अहंकारी मोदी सरकार कुंभकर्णी नींद में ऐसे सोई है कि लाखों अभ्यर्थियों के सपनों में आग भी लग जाए तो इन्हें परवाह नहीं।

जंगलराज के युवराज कानून-व्यवस्था के विषय पर नीतीश सरकार को ना दे उपदेश :उमेश

जंगलराज के युवराज कानून-व्यवस्था के विषय पर नीतीश सरकार को ना दे उपदेश :उमेश

पटना।जनता दल यू0 प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बिहार में आपराधिक तांडव का वास्तविक रूप जानने और समझने के लिए तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल का काला इतिहास पलटना चाहिए। साथ ही जंगलराज शब्द की उत्पत्ति लालू-राबड़ी सरकार की देन है और लंबे कालखंड तक बिहार को पूरे देश-दुनिया में इससे भारी फजीहत झेलनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि कि राजद की सरकार में सत्ता संरक्षित अपराधियों का बोलबाला था। साथ ही महिलाओं एवं बहन-बेटियों को खुले में सांस लेने तक की आजादी नहीं थी। उन्होंने माना कि नब्बे के दशक में बिहार की जनता ने अपना जान-माल दोनों ही भगवान भरोसे छोड़ दिया था। साथ ही फिरौती और डकैती का भय व्यवसाय से जुड़े लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया था। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव 1990 से 2005 तक के दौर से अनजान हैं तो उन्हें अपने माता-पिता से पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने असाधारण प्रशासनिक कौशल से बिहार को सुशासन की पटरी पर लाया। हमारे राजनीतिक विरोधी भी दबे जुबान से इस बात को स्वीकार करते हैं। राजद के दौर में जंगलराज का पर्याय बना बिहार आज देशभर में विकास और सुशासन का मिसाल पेश कर रहा है। गिने-चुने आपराधिक घटनाओं को आधार बनाकर जंगलराज से तुलना करना कहीं न कहीं तेजस्वी यादव की घोर नासमझी का परिचायक है।
उन्होंने बताया कि लालू-राबड़ी की सरकार में नेता और अधिकारी तक की दिनदहाड़े हत्या हो जाती थी। फिरौती के लिए उनके परिजनों को उठा लिया जाता था लेकिन आज कोई कितना भी बड़ा अपराधी क्यों ना हो कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद भी तेजस्वी यादव दुष्प्रचार और भ्रम फैलाने से बाज नहीं आ रहें हैं। अगर यही स्थिति रही तो बिहार विधानसभा चुनाव में जनता बाकी कसर भी पूरा कर देगी।

पटना से नई दिल्ली एवं गया से आनंद विहार के लिए  चलेगी सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल

पटना से नई दिल्ली एवं गया से आनंद विहार के लिए चलेगी सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल

हाजीपुर।यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर पटना से नई दिल्ली एवं गया से आनंद विहार के लिए सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जायेगा। इसके तहद 02393/02394 पटना-नई दिल्ली-पटना सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल 14 जून से 30 जून पटना से 20.10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 12.10 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। साथ ही वापसी में 02394 नई दिल्ली-पटना सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल दिनांक 15 जून से 1 जुलाई नई दिल्ली से 13.20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 7 बजे पटना पहुंचेगी।
अप एवं डाउन दिशा में यह ट्रेन दानापुर,आरा,बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन,प्रयागराज जं एवं गोविंदपुरी स्टेशनों पर रूकेगी।इस स्पेशल में 1 एसी का 1 कोच,टू एसी का 2 कोच, 3 एसी 4 कोच,3 इस का 3 कोच, शयनयान श्रेणी के 6 एवं साधारण श्रेणी के 3 कोच होंगे ।
इनके अलावा 02397 गया-आनंद विहार सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल 14 से 30 जून तक गया से 14.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन सुबह 7.10 बजे आनंद विहार पहुंचेगी जबकि वापसी में 02398 आनंद विहार-गया सुपरफास्ट क्लोन एक्सप्रेस स्पेशल 15 जून से 1 जुलाई तक आनंद विहार से सुबह 8.20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 00.30 बजे गया पहुंचेगी।
अप एवं डाउन दिशा में यह ट्रेन अनुग्रह नारायण रोड, डेहरी ऑन सोन, सासाराम,भभुआ रोड, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं.,प्रयागराज जं एवं गोविंदपुरी स्टेशनों पर रूकेगी।इस स्पेशल में 2 एसी का 1 कोच, 2 एसी कम 3 एसी का 2 कोच, 3 एसी के 2 कोच, शयनयान श्रेणी के 8 एवं साधारण श्रेणी के 7 कोच होंगे ।
इसके साथ ही14 जून को पटना से नई दिल्ली के लिए एक अनारक्षित स्पेशल ट्रेन 04001 पटना-नई दिल्ली अनारक्षित वन-वे स्पेशल* का परिचालन किया जायेगा। यह स्पेशल 14 जून को पटना जं. से 21.30 बजे खुलकर आरा,बक्सर,डीडीयू,प्रयागराज,कानपुर स्टेशनों पर रूकते हुए अगले दिन 15 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। इसकी जानकारी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने दी।

यूपीए में गृह मंत्रालय के लिए लालायित रहें लालू यादव ने नहीं उठाया कभी विशेष दर्जा के लिए आवाज:जदयू

यूपीए में गृह मंत्रालय के लिए लालायित रहें लालू यादव ने नहीं उठाया कभी विशेष दर्जा के लिए आवाज:जदयू

पटना।बुधवार को बिहार जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम एवं अंजुम आरा ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर राजद पर जोरदार हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि 2004 की यूपीए सरकार में जब राजद निर्णायक भूमिका में थी तब तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव ने कभी बिहार के हितों की चिंता नहीं की। साथ ही वर्ष 2004 में कांग्रेस को मात्र 145 सीटें मिली थी और राजद को 24 सीटें लिहाजा बिना राजद के सहयोग से यूपीए की सरकार चलाना मुश्किल था। इस सूरत-ए-हाल में राजद द्वारा विशेष दर्जे की मांग को इनकार करने का साहस कांग्रेस के पास नहीं था। साथ ही राजद जातीय जनगणना का भी दबाव यूपीए सरकार पर बना सकती थी। राजद को बिहार से 24 सीटें मिलने के बावजूद भी विशेष दर्जा की मांग को ठंडे बस्ते में डालकर श्री लालू प्रसाद यादव गृह मंत्रालय के मांग पर अड़े रहें।
प्रवक्ताओं ने कहा कि यूपीए-1 में बिहार से 12 मंत्री केन्द्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। इतने सशक्त और निर्णायक भूमिका होने के बाद भी बिहार के सरोकारों से जुड़े विषयों पर जोरदार तरीके से आवाज नहीं उठाया गया। यूपीए की तत्कालीन सरकार में लालू प्रसाद यादव आईआरसीटीसी की विशेष सहायता प्राप्त कर अपने नाबालिक बेटों को करोड़पति बनाने में व्यस्त थे। साथ ही राजद को घमंडी पार्टी करार दिया और कहा कि वर्ष 2008 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लालू प्रसाद यादव ने यूपीए सरकार को गृह मंत्रालय के शर्त पर समर्थन दिया था। इसलिए उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए थी लेकिन उन्हें सिर्फ अपना निजी स्वार्थ नजर आ रहा था। इतना ही नहीं जब लेफ्ट फ्रंट ने यूपीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद यूपीए सरकार बड़ी मुश्किल से निर्दलीय सांसदों की मदद से बच पाई थी। उस समय राजद बिहार के लिए विशेष दर्जा मांगती तो यूपीए सरकार मना करने का हिम्मत नहीं करती।
प्रवक्ताओं ने कहा कि 2004 और 2008 में गृह मंत्रालय नहीं मिलने पर वर्ष 2009 में लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह यादव के साथ चैथा फ्रंट बना लिया था जिसमें गृह मंत्रालय की लालसा पाले लालू प्रसाद यादव को जनता ने मात्र 4 सीट देकर गृह यानि घर पर बैठा दिया। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को 2 बार राजनीतिक आक्सीजन देने का काम किया लेकिन वें लूट मचाने से बाज नहीं आयें। साथ ही शराबबंदी वाले बिहार में उन्होंने शराब कंपनियों से करोड़ों रुपये का चन्दा लिया। अब लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद तेजस्वी यादव फिर से नीतीश कुमार का राजनीतिक सहारा लेने के लिए व्याकुल हैं। इसलिए नए-नए प्रपंच रच रहें हैं लेकिन इस बार उनकी दाल नहीं गलेगी। प्रवक्ताओं ने कहा कि जदयू पार्टी वर्ष 2005 से विशेष राज्य के दर्जा
की मांग कर रही है और हर तरह से हम प्रयासरत भी हैं। इस मुद्दे पर राजद से किसी प्रकार का ज्ञान या सलाह की आवश्यकता नहीं है।

प्रेस के सामने कुछ बोलने से पहले जदयू प्रवक्ताओं को कर लेना चाहिए अच्छी तरह से होमवर्क : गगन

प्रेस के सामने कुछ बोलने से पहले जदयू प्रवक्ताओं को कर लेना चाहिए अच्छी तरह से होमवर्क : गगन

पटना।जदयू प्रवक्ताओं द्वारा किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि प्रेस के सामने कुछ बोलने के पहले उन्हें अच्छी तरह से होमवर्क कर लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग 2000 में बिहार के बंटवारे के समय से हीं की जा रही है।उस समय बिहार में राजद की सरकार थी और केन्द्र में एनडीए की सरकार थी जिसमें नीतीश कुमार जी मंत्री थे। उसी समय उतर प्रदेश से अलग होने पर उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। उनका कहना है 25 अप्रैल 2000 को बिहार विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा गया था। 3 फरवरी 2002 को दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल के शिलान्यास के अवसर पर गांधी मैदान की सभा में तत्कालीन मुख्य मंत्री राबड़ी देवी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग सार्वजनिक रूप से की थी जिसे वाजपेई ने उचित मांग बताते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का आश्वासन भी दिया था। इसलिए तत्काल 2 अप्रैल 2002 को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा गया। 16 मई 2002 को राजद सांसद स्व डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा नियम 193 दिए गए नोटिस पर लोकसभा में चर्चा हुई जिसका सभी दलों ने समर्थन किया था। इसके बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाना समक्ष से परे है। उस फाईल को हीं बंद कर दिया गया जिसका सही जवाब तो नीतीश हीं देंगे।
उन्होंने बताया कि 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हीं सार्वजनिक मंचों से यह वादा किया था कि केन्द्र में उनकी सरकार बनने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इसलिए दोनों बार उनकी सरकार बनी और फिर इस बार जदयू के समर्थन से हीं उनकी सरकार बनी है तो अब जदयू इस मांग से भाग क्यों रही है ?
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जदयू प्रवक्ताओं द्वारा यूपीए एक की सरकार के समय बिहार को क्या मिला, इस पर सवाल उठाया गया है तो उन्हें यह याद रखना होगा कि नीतीश की 2005 वाली सरकार की जो उपलब्धि बताई जा रही है वह वास्तविक रूप से केन्द्र की यूपीए एक सरकार की उपलब्धि थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि लालू घाटे में चल रहे रेलवे को 90 000 करोड़ का मुनाफा दिया जबकि इतिहास में पहली बार रेलवे का किराया कमाया गया। साथ ही रेलवे में यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई। बिहार में तीन -तीन रेलवे कारखाने ( मढ़ौरा, बेला एवं मधेपुरा) खोले गए। पीएमजीएसवाई के तहत 36000 किमी सड़क निर्माण के लिए राशि दी गई। गाडगिल फार्मूले के तहत 1822 मेगावाट बिजली प्रतिदिन दी गई।उरमा कोल ब्लॉक आवंटित की गई। केन्द्र द्वारा बिहार को प्रतिवर्ष मिलने वाली राशि को एक हजार करोड़ से बढ़ाकर दो हजार करोड़ कर दिया गया। बारहवीं पंचवर्षीय योजना योजना अंतर्गत 24000 करोड़ दिए गए। बीआरजीएफ योजना में बिहार के सभी जिलों को शामिल किया गया। फूड फॉर वर्क, मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, त्वरित ग्रामीण जलापूर्ति योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना,इन्दिरा आवास योजना में प्रचुर मात्रा में राशि उपलब्ध कराई गई। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में 90 प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान दिया गया। जदयू के प्रवक्ता को बताना चाहिए कि जबसे केन्द्र में मोदी जी की सरकार बनी है कितनी राशि बिहार को दिया गया है।
उनका कहना है कि जदयू प्रवक्ताओं ने जाती जनगणना का सवाल उठाया है तो उन्हें जान लेना चाहिए कि 2000 में केन्द्र में एनडीए की सरकार थी पर जनगणना नहीं कराई गई थी। लेकिन जब 2010 में जनगणना हुआ तो लालू प्रसाद, मुलायम सिंह एवं शरद यादव के मांग पर हीं जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराई गई थी।इसका अन्तिम गणना आने के समय केन्द्र में मोदी की सरकार बन गई थी। जिसके द्वारा उसे जारी नहीं किया गया।बिहार में तेजस्वी के पहल पर हीं जाती गणना कराई गई यह बात तो प्रधानमंत्री से मिल कर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के बाहर निकलने पर नीतीश खुद प्रेस के सामने बोल चुके हैं।
जदयू प्रवक्ताओं ने नौकरी देने पर भी जो बयान दिया है उसके बारे में पुरा देश जानता है कि तेजस्वी द्वारा नौकरी देने के वादे पर मुख्यमंत्री क्या बोलते थे।